Friday, February 5, 2016

Velentine day fir se aa rhaa hai ...

फिर से वेलेंटाइन डे आ रहा है ...
याद है जान...
जब वेलेंटाइन डे था,
हमारी जिंदगी में बहार लाया था..
तुमने अपनी सच्ची महोबबत का इज़हार किया था..
मेरे दिल को नये नये जज्बों से सेर सार किया था..
नये नये वादे थे , नये नये इरादे थे,
तुमने हमेशा मेरी वेलेंटाइन रहने का वादा किया था..
आज तुम मेरे साथ नही हो . 
फिर मुझे तुम्हारा वादा याद आ रहा है..
फिर से वेलेंटाइन डे आ रहा है...

Valentine Shayari

सोचा आप से बात करूँ.
फिर सोचा एक मुलाकात करूँ,
फिर सोचा क्यों ना इंतजार करूँ.
फिर सोचा क्यों ना एक काम करूँ,
एक प्यारा सा संदेशा आपके नाम करूँ
Happy Velentine Day 


Tuesday, February 2, 2016

Sad Shayri Hindi

इतना बुरा भी नही हूँ मैं..बस..
खुद को देख रहा था दूसरों की नज़रों से
 ए जिंदगी, ना हो उदास 
मुझे आदत है मुस्कुराने की ...


इन पलकों पे हज़ारों ख्वाबों का बोझ है..
अब याद ना आओ, सुलाने दो इन्हें...
मैं शख्स कैसा भी हूँ..
पर ख्याल सबका रखता हूँ...
ना जाने कब उठकर चले जाएँ दिलासे देने वाले..
यू देर तक रोना धोना भी तो ठीक नही..
वो इश्क ही क्या..
जिसे सबूत की दरकार हो ... 
अरमानों को दिल में सजाकर रखता हूँ. 
हसरतें रखूँगा तभी तो पूरी होगी ना..
मैं तो कब का बीत गया..
तुम हो. जो मुझमें जी रहे हो ...

Two Line Shayri Hindi

वो मुझे हाथो की लकीरों में ढूँढती रही,
पगली एक बार दिल में झँकती, मैं ही था


किस्सा अजीब है जिंदगी का...
हाल अजनबी पूछ रहे हैं, ओर अपनो को पता ही नहीं ..
सुकून .. जो तेरे अहसासों में है .
वो नींद में कहाँ.. 

छाँव में रखकर पूजा करो ये मोम के बुत,
धूप में अक्सर अच्छे अच्छे नक्शे बिगड़ जाते हैं.
दुनिया से इस कदर रूबरू हुए है हम
खवाब भी आते है तो हक़ीकत की तरह...
हम जो तुम्हे नवाजते हैं, गुमा ना कर बैठना
आजकल खिताब वापिस भी हो जाते हैं..

सूरत परखने को तो आईने बहुत मिल जाते है बाजार में, 
सीरत परख सके, उस नज़र का इंतजार है...

Sunday, January 31, 2016

चलता रहता है Chalta Rahta Hai

हिन्दी कविता जगत की शान, कवि ड़ा. कुमार विश्वास जी की एक कविता..


चलता रहता है ...

रूह जिस्म का ठोर ठिकाना चलता रहता है।
जिन मारना खोना पाना चलता रहता है।।
सुख दुःख वाली चादर घटती बढ़ती रहती है।
मोला तेरा ताना बाना चलता रहता है।।
चलता रहता है।।


जिन नजरो ने रोग लगाया गजलें कहने का
आस तलक उनको नजराना चलता रहता है।।
लोग बाग भी वक्त बिताने आते रहते है।
अपना भी कुछ गाना वाना चलता रहता है।।
चलता रहता है।।






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इतनी रंग बिरंगी दुनिया : Kitni Rang Birangi Dunia

हिंदी कविता जगत के महान कवि डॉक्टर कुमार विश्वास जी की ख्याति से तो आज पूरा विश्व रूबरू है। उनकी प्रसिद्ध कविताओ का पूरा भारत दीवाना है। इसी कड़ी में पाठको की बढ़ती मांग पर हमारी टीम प्रस्तुत कर रही है कुमार साहब की एक अमूल्य कृति : 

इतनी रंग बिरंगी दुनिया, दो आँखों में कैसे आये।
हमसे पूछो इतने अनुभव, एक कंठ से कैसे गाये।।
इतनी रंग बिरंगी दुनिया...

ऐसे उजले लोग मिले जो, अंदर से बेहद काले थे।
ऐसे चतुर मिले जो मन से सहज सरल भोले भाले थे।।
ऐसे धनी मिले जो कंगालों से भी ज्यादा रीते थे।
ऐसे मिले फ़क़ीर जो सोने के घट में पानी पीते थे।।
मिले परायेपन से अपने, अपनेपन से मिले पराये।
हमसे पूछो इतने अनुभव, एक कंठ से कैसे गाये।।
इतनी रंग बिरंगी दुनिया..
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जिनको जगत विजेता समझा, मन के  द्वारे हारे निकले।
जो हारे हारे लगते थे, अंदर से ध्रुव तारे निकले।।
जिनको पतवारें सौपी थी, वो भंवर के सूदखोर थे।
जिनको भंवर समझ डरता था, आखिर वही किनारे निकले।
इतनी रंग बिरंगी दुनिया...

वो मंजिल तक क्या पहुंचेगे, जिनको खुद रास्ता भटकाए।
हमसे पूछो इतने अनुभव, एक कंठ से कैसे गाये।।
इतनी रंग बिरंगी दुनिया...


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