Sunday, January 31, 2016

चलता रहता है Chalta Rahta Hai

हिन्दी कविता जगत की शान, कवि ड़ा. कुमार विश्वास जी की एक कविता..


चलता रहता है ...

रूह जिस्म का ठोर ठिकाना चलता रहता है।
जिन मारना खोना पाना चलता रहता है।।
सुख दुःख वाली चादर घटती बढ़ती रहती है।
मोला तेरा ताना बाना चलता रहता है।।
चलता रहता है।।


जिन नजरो ने रोग लगाया गजलें कहने का
आस तलक उनको नजराना चलता रहता है।।
लोग बाग भी वक्त बिताने आते रहते है।
अपना भी कुछ गाना वाना चलता रहता है।।
चलता रहता है।।






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